ज़िंदगी तू चली कहाँ,
रुक ज़रा, थम जा ज़रा,
मंज़िल हैं अभी पाना,
अभी साँसे है बाकी,
ज़िंदगी तू रुक ज़रा,
ज़िंदगी तू थम ज़रा.
माना की तू खुश नही,
वक़्त भी कुछ ठीक नही,
घाम के सायें में है तू जी रही,
पर इतना तू जाने ले,
खुशी की छाया अभी कुछ दूर ही साही,
ज़िंदगी तू रुक ज़रा,
ज़िंदगी तू थम ज़रा.
कुछ एहसास अभी है बाकी,
कुछ पल मुझे अभी जीने दे,
खुशी भी होगी और घाम भी,
हर उस घड़ी को मुझे आज़माने दे,
ज़िंदगी है हर एक पल में,
हर पल में है ज़िंदगी,
आए ज़िंदगी तू रुक ज़रा,
ज़िंदगी तू थम ज़रा.